एफिड कीट से गेहूं, सरसों, धान, टमाटर, मिर्च, आदि कई फसलें प्रभावित होती हैं। एफिड के प्रकोप से गेहूं की पैदावार में 20 से 80 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। यदि आप गेहूं की खेती कर रहे हैं और एफिड के प्रकोप से हैं परेशान तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप एफिड कीट की पहचान, प्रकोप के लक्षण के साथ इस कीट पर नियंत्रण के तरीके भी जान सकते हैं।
कैसे करें एफिड कीट की पहचान?
एफिड हरे, भूरे एवं काले रंग के होते हैं।
इस कीट की लम्बाई 1 से 1.5 मिलीमीटर होती है।
एफिड गेहूं की फसल को किस तरह नुकसान पहुंचाते हैं?
यह कीट गेहूं की पत्तियों का रस चूस कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
बालियों में दाने बनते समय यह कीट दानों का भी रस चूसते हैं।
समय रहते इस कीट पर नियंत्रण नहीं किया गया तो पौधों का विकास रुक जाता है।
एफिड कीट पर कैसे करें नियंत्रण?
इस कीट पर नियंत्रण करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 6 से 8 पीली स्टिकी ट्रैप लगाएं।
150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें।
15 लीटर पानी में 12 से 15 मिलीलीटर टाटामिडा मिलाकर छिड़काव करने से भी इस कीट पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
आवश्यकता होने पर 10 से 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं एवं अन्य तरीकों को अपना कर गेहूं की फसल में एफिड पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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